
आज नयी शुरुआत
दोस्तों आप सभी जानते हैं कि दुनिया में सबसे अनमोल चीज है वो है “समय”। लेकिन मुझे ये अफ़सोस के साथ कहना पद रहा है कि वर्तमन में अधिकांश लोग एक निराशमयी जीवन जीने में ही व्यस्त हैं। वे सभी इस इंतजार में जी रहे हैं और सोंचते हैं कि कहीं कोई चमत्कार होगा और उनकी जिंदगी बदल जाएगी, वे अपने निराशमयी जिंदगी से बहार आ जायेंगे। तो दोस्तों अगर आप वो चमत्कार देखना चाहते हैं तो वो आज और अभी से ही शुरू हो सकता है और उस चमत्कार को करने वाले ही आप होंगे, जो आपके खुद को छोड़ दूसरे से संभव ही नहीं है।
जो चमत्कार आप खुद कर सकते हैं तो यह भी समझ गए होंगे कि इसके लिए जो करना है वो आपको ही करना होगा। तो चलिए अब बात करते हैं इसके लिए आपको क्या करना होगा अपने आदतों में बदलाव और अपने लिए सुधार।
यब बात सर्व विदित है कि “जो हम मानने और सोचने लगते हैं वैसा ही हमारे साथ होने और हम वैसे ही बनने लगते हैं”।
क्यों भौंरें उड़ सकते हैं?
दोस्तों क्या आपको पता है कि
“भौतिक के नियम के अनुसार भौंरें का उड़न संभव ही नहीं है क्यूंकि उसके पंख उसके शरीर के तुलना में बहुत ही छोटे होते हैं लेकिन आप सभी जानते हैं कि हर भौंरा उड़ता है। वह भौतिक के नियम को हर बार तोड़ता है। यह इसलिए होता है कि उसे सिर्फ अपने ऊपर भरोसा ही नहीं पूरा विश्वास होता है कि वह उड़ेगा जरूर, वह उड़ने के लिए ही है, वह ये नहीं देखता कि जो मनुष्य के लिए असंभव है तो उसके लिए भी असम्भव होगा।“ |
इसलिए सबसे पहले हमें हमारे मन में बसे गलत धारणा कि हम किस्मत के भरोसे हैं, जो किस्मत में होता है वैसा ही होता है की सोंच को बदलना। क्यूंकि अगर ऐसा होता तो भौंरा कभी भी उड़ नहीं पाता।
हमारे साथ जो भी कुछ होता है घटता है उसके जिम्मेदार हम स्वयं ही होते हैं और खुश रहना और ना रहना भी।
आप लोगों ने ये बात सुनी ही होगी –
“भगवान भी उसी की मदद करते हैं, जो अपनी खुद की मदद करते हैं”। |
यदि कोई मन में यह सोच रखता है कि उसके साथ में जो भी कुछ हो रहा है उसके हाथ में नहीं है, वो उसे अपने इस धारणा हो पूरी तरह बदल ही देना चाहिए या फिर उसे बदलने के लिए हमारे इस पोस्ट में दिए गए बातों को अपने जीवन में उपयोग में लाएं।
जिंदगी जीने के नियम:
हम यहां जिंदगी के कुछ नियम के बारे में बात करेंगे जिन्हे पालन करके अपने जीवन में उपयोग में लेकर आप अपनी जिंदगी बदल सकते देंगे, यह मेरा विश्वास है।
आत्मविश्वास:
दोस्तों आत्मविश्वास का मतलब है कि आपको अपने ऊपर कितना भरोसा है, अपने ऊपर कितना कण्ट्रोल है। हमारे में जीवन में आत्मविश्वास का होना ना होना ठीक वैसे ही है जैसे किसी फूल में सुगंध का ना होना। जैसे बिना सुगंध के फूल का कोई महत्त्व नहीं उसी तरह बिना आत्मविश्वास के भी हमारे जीवन का कोई महत्त्व नहीं रह जाता। किसी भी व्यक्ति में प्रतिभा तो है लेकिन वो आत्मविश्वास नहीं जिससे अपनी प्रतिभा को बाहर ला सके लोगों तक पहुंचा सके तो उसके प्रतिभाशाली होने का कोई मतलब नहीं होगा। आत्मविश्वास के लिए सबसे जरूर है आत्मसंतुष्टि, दृढ़ निश्चय , मेहनत, लगन और साहस आदि जैसे चीजों की संपत्ति होती है।
आत्मविश्वास किस तरह से बढ़ाएं:
स्वयं पर विश्वास :
इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपने मन से ये भावना और सोंच ही हटा देनी चाहिए कि आप किसी काम को नहीं कर सकते। अपने मन में विश्वास जगाइए कि आप हर काम को कर सकते हैं और इसके लिए आपको चाहिए कि अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूरा करने के लिए दृर निश्चय और संकल्पित होकर उसे पूरा करने में लग जाएँ। और फिर जब इस तरह आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे तो आपमें अपने ही आप अपने ऊपर विश्वास बढ़ता जायेगा।
खुश रहने की कोशिश :
इसके लिए खुद को ही प्रेरित करें कि आपक अपने लक्ष्य को पाना ही है और इसी में ही आपकी ख़ुशी है, लक्ष्य को पाना मतलब आपकी ख़ुशी होगी तो आप उसके लिए ख़ुशी से आगे बढ़ेंगे और यही आपको सकारात्मक सोच को और विकसित करने में भरपूर सहायक सिद्ध होगा। असफलता से कभी भी दुखी न होकर कमी को ढूंढ कर उसे दूर करके उसके लिए लग जाये।
डर से जीतें :
किसी भी कार्य को करने के लिए व्यक्ति में आत्मविश्वास का होना जरुरी है और इस आत्मविश्वास के रास्ते का सबसे बड़ा दुश्मन होता है इंसान का ही “डर”। व्यक्ति को अपने डर ही हराना सबसे बड़ी मुश्किल की बात है क्यूंकि मनुष्य सामाजिक प्राणी है और वह हर काम में सोचता है कि लोग क्या कहेंगे? लोग क्या सोचेंगे? और इस तरह यह डर मनुष्य के उसके लक्ष्य प्राप्ति में बढ़ा बन जाता है। इसलिए इसे हारने के लिए आप सबसे अच्छा ये करिये कि सकारात्मक सोच रखिये और इससे आत्मविश्वास आपका सुदृढ़ होगा और इससे आपका डर ख़त्म हो जायेगा।
ईमानदार रहें :
आपको अपने कार्य प्रति लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर चलते हुए ईमानदार भी होना होगा नहीं तो आप अपने प्रति, अपने कार्य के प्रति ईमानदार नहीं हुए तो आपमें डर तो रहेगा ही साथ ही साथ डर की वजह से आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी होगी और इस तरह आप अपने लक्ष्य तक कभी भी नहीं पहुँच सकते। तो अब आप ईमानदार बनिए सच बोलिये और अपना डर ख़त्म करने के साथ-साथ अपना आत्मविश्वास भी सुदृर्द कीजिये और लक्ष्य की ओर बढ़ते रहिये।
रूचि का कार्य :
हमेशा अपने कार्य को रूचि के अनुसार ही करने की प्राथमिकता दें। जिस कार्य में रूचि है उसे करने से आप पूरे मन से उस कार्य को करने में भीड़ जाते हैं और जब आपका पूरा मन उस कार्य में है तो सफलता-असफलता का डर नहीं रह जायेगा और आप पूरे आत्मविश्वास के साथ उस कार्य को करने लगते हैं और आगे बढ़ते हैं।
वर्तमान को जीएं :
आप कल को नहीं बदल सकते हैं और आने वाले कल को देख नहीं सकते, इसलिए आपके लिए सबसे अच्छा यही है कि आप अपने वर्तमान को अच्छे से जीएं और अपने वर्तमान को ही अच्छा और सुन्दर और सफल बनाने का प्रयत्न करें। इसके लिए आपको अपने भुत(बीते हुए कल) से सिख लेनी होगी जिससे वर्तमान में वो गलती ना हो और आपका भविष्य उज्जवल हो सके।
स्वतंत्रता:
जी दोस्तों स्वतंत्रता का यहाँ मतलब घर से सब छोड़ कर या घर परिवार से दूर रहकर जीना स्वतंत्रता नहीं। यहाँ हम बात कर रहे हैं स्वतंत्र सोच और आत्मनिर्भरता से भरी हुई नई उम्मीद के साथ नयी सोच को कह रहे हैं। हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहिए।
लोगों का डर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में उसे हमेशा ये डर रहता है कि मैं ये काम करता हु तो “लोग क्या कहेंगे?लोग क्या सोचेंगे?”। अपने लक्ष्य को अगर आपको प्राप्त करना है तो आपको लोग क्या कहेंगे क्या बोलेंगे क्या सोचेंगे के डर से आगे निकल कर ये सोचना चाहिए कि आपको सिर्फ और सिर्फ अपने कार्य अपने लक्ष्य को पाने के लिए अग्रसर होना है चाहे कोई भी मुश्किल आये आपको रुकना नहीं है।
खुद में नियंत्रण :
हमें खुद पर नियंत्रण होना चाहिए। खुद पर नियंत्रण का ये मतलब नहीं कि हमें अपने कार्य को करने के लिए खुद को नियंत्रण करना नहीं है बल्कि अपने कार्य को नियंत्रण और धैर्य पूर्वक करना है जिससे हमारा काम भी अच्छे से हो। बिना अपने ऊपर नियंत्रण और धैर्य के हम अपने काम में सफल हो भी नहीं सकते क्यूंकि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प, दृढ़ निश्चय, पूरे आत्मविश्वास के साथ और धैर्य रख कर आगे बढ़ने की जरूरत होती है।धैर्य और नियंत्रण रख कर हम किसी भी समस्या या परिस्थिति चाहे कितनी भी प्रतिकूल हो हम उसका सामना कर सकते हैं और इससे हमें विपरीत परिस्थिति में इससे हमें सोचने के लिए समय भी मिलता है हम एक योजनाबद्ध तरीके से जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
सकारात्मक सोच रखना चाहिए:
विचार से ही जावन का निर्माण होता है ये बात आप सभी को पता ही होगा। मनुष्य जैसे विचार अपने मन में लाता है वो वैसा ही बनते जाता है। रिसर्च में पता चला है हमारे दिमाग में 70000 विचार एक दिन में आते हैं और उन 70000 विचारों में से 90% दूसरे दिन भी आते हैं इसलिए अगर आप सकारात्मक रहेंगे तो 90% दूसरे दिन भी रहेंगे और इसका फायदा आपको ही होगा और आपका दिन भी अच्छे से जायेगा।और आप अपने लक्ष्य के प्राप्ति कि ओर पूरे आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ बढ़ेंगे तो सफलता आपको जरूर मिलेगी।
भूतकाल हमें सिख देता हैं और वर्तमान में हम भूत में हुए गलती को सुधार करके बेहतर भविष्य बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसका सिर्फ ये मतलब नहीं है कि हम अपना सारा समय इसी में खर्च कर दें। इसलिए वर्तमान में रह कर हमें अपना सबसे अच्छा परिणाम देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि इससे हमारा वर्तमान तो बने साथ में ही भविष्य भी सुरक्षित हो जाये।
“जिंदगी में अगर कुछ करना है, खुश रहना है, सफल होना है तो उस बारे में सोचना बंद कर दो क्यूंकि इस पर हमारा नियंत्रण नहीं है।” |
कड़ी मेहनत और प्रयास:
दोस्तों बिना मेहनत के कामयाबी सिर्फ किताबों और टीवी के धारावाहिकों में ही मिल सकती है, असल जिंदगी में नहीं। मेहनत का करत सिर्फ शरीर से काम लेना नहीं है बल्कि शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से मेहनत करना भी है। हमेशा आपने देखा होगा कि मानसिक मेहनत, हमेशा शारीरिक मेहनत से ज्यादा मूलयवान और फायदेमंद होता है। कोई एक काम को १ दिन में करता है तो दूसरा उसी काम को आधे दिन में ख़त्म कर देता है। इससे ये पता चलता है कि वह शारीरिक रूप से कमजोर नहीं बल्कि शारीरिक रूप से ज्यादा मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत है वह अपने काम को सफाई से और योजनाबद्ध होकर करता है इसलिए जल्दी ख़त्म करके अपना लक्ष्य हासिल भी कर लेता है।
सभी ये बात जानते ही होंगे कि कई लोग अपना लक्ष्य तो बहुत बड़ा बना लेते हैं लेकिन उसके लिए मेहनत करते ही नहीं और ये बहाना करने लगते हैं कि यह बहुत मुश्किल है असंभव है। वो ये नहीं बताते कि उन्होंने कोशिश किया ही नहीं मेहनत शुरू किया ही नहीं। और ऐसे लोग अपने लक्ष्य को बार-बार बदलते रहते हैं और जींवन में कुछ नहीं कर पाते।
मेहनत और निरंतर कोशिश से बड़े से बड़ा और कितना भी मुश्किल कार्य भी आसान हो जाता है, बस उसके लिए वो हिम्मत और जूनून चाहिए होती है जो उस कार्य के पूरा करने के लिए जरुरी है। जिंदगी में अगर हम लक्ष्य बड़ा बनाते हैं तो उसे पूरा करने के रास्ते में उतनी ही बड़ी बाधाएं आएगी जिन्हे उतने ही ज्यादा मेहनत करके पार करना होगा जितना हमने अपना लक्ष्य बनाया।
“असफलता का बहाना उन्ही लोग करते हैं जिन्हे अपनी जिंदगी में सफलता नहीं चाहिए, जो कामचोर हैं और मेहनत से भागते हैं।” |
यदि पहले कोशिश में हम असफल भी हो गए तो हमें अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए जब तक कि हमें अपना लक्ष्य ना हासिल हो जाये।
व्यवहार कुशलता:
व्यवहार कुशल इंसान जहाँ भी जाता है अपने व्यवहार कुशलता से अपने आस-पास में लोगों को आकर्षित करता है। व्यवहार कुशल इंसान ही समाज में सम्मानीय दृष्टि से देखा जाता है और माना जाता है। व्यवहार कुशल व्यक्ति अपने विनम्र स्वाभाव और अपने मुस्कराहट से सबका दिल जीतता है, वो हमेशा दूसरों के मदद के लिए तैयार रहते हैं।
“व्यवहार कुशलता और शिष्टाचार सबसे उत्तम सुंदरता है जिससे हर कोई आकर्षित होता है।जब आपके मित्र की संख्या बढ़ने लगे तो समझिये आपको व्यवहार कुशलता की कला सिख गए।” |
व्यवहार कुशल व्यक्ति जिस क्षेत्र में जाता है वहां उनके मित्र बन जाते हैं। आपका चरित्र की व्यवहार कुशलता की नींव होती है और इसलिए व्यक्ति का चरित्र भी साफ़ होना चाहिए। चरित्र किसी भी व्यक्ति की परछाई की तरह होती है और समाज में उस व्यक्ति को उसके चरित्र के कारण ही सम्मान और पहचान मिलती है।
किसी भी व्यवहार कुशल व्यक्ति को ये ज्ञात होता है कि कैसे सोच समझ कर बोलना है?, कितना बोलना है ? और किसे कितना महत्त्व देना है? व्यवहार कुशल व्यक्ति के एक और पहचान होती है कि वो हमेशा विनम्र रहता है और खुद की गलती होने पर अपनी गलती स्वीकार कर उससे सुधरने की कोशिश करता है।
यहाँ बताये गए पाँचों बातों अगर आप अपने जीवन में ध्यान रखते हुए इसका पालन करते हैं, अपने जीवन में लागु करते हैं तो निश्चय ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
यहाँ बताई गई जानकारी आपको कैसी लगी इसके बारे में अपने विचार जरूर लिखिए और हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइये कि यदि कोई इसमें और आवश्यक बातें होनी चाहिए तो क्या होनी चाहिए जिससे हम इस ब्लॉग में सुधार कर आपके लिए और अच्छी-अच्छी जानकारियां लेकर आ सके और साथ ही आपने मनोबल भी ऊँचा हो।
Pingback: डिप्रेशन: लक्षण, कारण और निवारण | Depression: Symptoms, Causes & Prevention In Hindi | |
Pingback: What Causes Hair Loss at a Young Age? | बालों का झड़ना – कारण और निवारण हिंदी में | Nice One Story
Pingback: What Causes Hair Loss at a Young Age? | बालों का झड़ना – कारण और निवारण हिंदी में | Nice One Story
Pingback: Nice One Story