A Motivational Story – Facing Challenge In Life In Hindi | एक प्रेरणादायक कहानी – जीवन में चुनौती का सामना

जीवन में चुनौती का सामना

दोस्तों जीवन में Challenges किसके नहीं आते, हम सभी के सामने कोई न कोई चलेंगे हर पल आते रहता है जिसका सामना करते हुए हम जिंदगी में आगे बढ़ते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुचंते हैं। चुनौती जीवन का आधार है और बिना चुनौती के व्यक्ति न तो कुछ सिख सकता है और न ही जीवन में कभी आगे बढ़ सकता है। चनौती हमारे जीवन में आती ही इसलिए है ताकि हम उसका सामना कर और मजबूत होकर आगे आने वाली चुनौतियों का सामने करते हुए जीवन में आगे बढ़ें। इसी पर आधारित हम आपके लिए एक कहानी लाये हैं जो आपको जीवन में चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।

 

बहुत पहले की बात है, एक गांव में रामु नाम का एक लड़का रहता था। वह एक कुम्हार था और सुंदर-सुंदर मिटटी के बर्तन बनाता था। रामु के द्वारा बनाये गए मिटटी के बर्तन बहुत प्रसिद्द था, उसके मिटटी के बर्तनो की चढ़ा चारों ओर थी इसलिए दूर-दूर से लोग उसके कला के अद्भुत कृति को देखने आया करते थे। रामु जीतने अच्छे और सुंदर बर्तन बनाने में था उसी प्रकार रामु की सोच भी सुन्दर और अच्छी थी, उनकी सोच सभी के लिए एक सामान और सकारात्मक थी।

रामु जितना पाने कार्य के प्रति निष्ठावान था, उसी प्रकार उसके मन में लोगो के प्रति भी निष्ठा का भाव था। गांव का कोई भी अपने कोई समस्या लेकर रामु के पास आता तो उसका समाधान लेकर ही जाता था। रामु खेल-कूद में भी बहुत अच्छा था और उसके जितना माहिर दूर-दूर के गांव तक कोई भी नहीं था। रामु इतनी फुर्ती और रफ़्तार के साथ दौड़ता था जैसे चीता दौड़ रहा हो। उसके गांव सहित आस-पास के गांव का कोई भी व्यक्ति उसके सामने टिक नहीं पता था। सभी लोग उसके कायल और प्रशंसक थे। रामु बहुत ही कम आयु में अपने गांव और आस-पास के गांव में चर्चा का विषय बन गया था।

एक बार की बात है उसके गांव में बहुत भयानक विपत्ति आ गई। गांव के पास के ही जंगल का एक शेर रोज रात में आता था और गांव के कोई न कोई पालतू पशुओं को शिकार बना कर उठा कर ले जाता था।  शेर के इस तरह रात में गांव में शिकार करने के कारण गांव वाले बहुत भयभीत थे। जैसे ही शाम होता गांव में चारों ओर सन्नाटा पसर जाता, क्या पता कब किस तरफ से शेर आ जाये और हमला कर दे।

शेर के भय से गांव वाले इतना डरे हुए थे कि दिन में भी खेती-किसानी का काम करने से डरने लगे थे। शेर न जाने कब उन पर हमला कर दे। वह शेर अब आदमखोर बन गया था और गांव के पालतू पशुओं के साथ-साथ मनुष्यों का भी शिकार करने लगा था। शेर ने अब तक गांव के कई लोगों को अपना शिखर बना लिया था, इस कारण गांव के लोगों में दिन में भी चैन नहीं था।  गांव वालों ने उस आदमखोर शेर को पकड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन उनका कोई भी उपाय काम नहीं आया। रामु इस बात से अभी तक अनभिज्ञ था। जब रामु को इस बात का पता चला तो उसने गांव के ग्राम सभा में शेर को पकड़ने की बात रखी। 

रामु के इस बात को सुनकर गांव के मुखिया ने कहा, ” हमने उस शेर को पकड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन हमारे हाथ कोई सफलता नहीं लगी, वह शेर है और अब वह तो आदमखोर भी हो चूका है इसलिए उसे पकड़ना अब इतना आसान काम नहीं रहा। हम सब जानते हैं कि तुम निडर व साहसी हो, बुद्धिमान हो, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि तुम उस आदमखोर शेर को पकड़ ही लोगे। “

गांव के मुखिया की बात सुनकर रामु मुस्कुराने लगा, रामु के इस तरह इस परिस्थिति में मुस्कुराते देख मुखिया ने कहा, “रामु तुम इतना मुस्कुरा क्यों रहे हो?, गांव में इतनी बड़ी समस्या आ गयी है और हम सब इस समस्या को लेकर इतने गंभीर हैं और तुम मुस्कुरा रहे हो आखिर तुम्हारे इस मुस्कराहट का कारण क्या है?  जल्दी से बताओ नहीं तो दंड भुगतने को तैयार हो जाओ।”

मुखिया की बात सुनकर रामु ने कहा, ” नहीं मुखिया जी! मुझे माफ़ करिये! मैं आपकी बात पर नहीं हंस रहा था। मैं तो यह सोच कर मुस्कुरा रहा था कि जिस दिन मैं उस आदमखोर शेर को पकड़ लूंगा उसके बाद गांव वालों के चेहरे पर उस समय जो ख़ुशी होगी, उसे देख कर मेरे चेहरे पर भी मुस्कराहट आ जाएगी, और इसलिए मैं मुस्कुरा रहा था।”

रामु ने इस तरह जिस आत्मविश्वास के साथ अपनी बात को कहा उसे देख मुखिया जी ने कहा, “रामु तुम्हरे पास उस आदमखोर शेर को पकड़ने की तरकीब है तो उसे बताओ। “

मुखिया जी के पूछने पर रामु ने कहा, “मुखिया जी मेरे पास तो बहुत सी तरकीब है लेकिन कौन सी तरकीब को बताऊ मैं वही सोच रहा हूँ। “

मुखिया जी ने फिर कहा, “रामु तुम्हारे पास जो भी तरकीब है उसे सोचो और जो भी है उसे जल्दी करो, हम सबके पास इतना समय नहीं है न जाने कब वह आदमखोर शेर आ जाये और कब क्या कर दे।”

मुखिया जी ने रामु से इसके लिए एक शर्त रखी और कहा, “लेकिन मेरी एक शर्त है और वो यह है कि अगर तुम अपने कार्य में सफल नहीं हुए और तुम्हारा तरकीब काम ना आया तो तुम्हे इस गांव को छोड़ कर जाना पड़ेगा।”

रामु ने मुखिया जी कि शर्त मान ली। रामु ने अब उस आदमखोर शेर को पकड़ने के लिए तीन तरकीब सोची जिसमे से एक तरकीब मुश्किल और दो आसान थी। रामु ने सोचा सबसे पहले आसान तरीका आजमाया जाये, सफल रहा तो ठीक है नहीं तो कठिन तरकीब अपनानी ही होगी।

पहला तरकीब

रामु ने एक बड़ा सा पिंजरा बनवाया और उस पिंजरे के अंदर मांस का एक बड़ा सा टुकड़ा रख दिया, जिससे वह शेर उस मांस के टुकड़े के लिए पिंजरे के अंदर आये और कैद हो जाये। रामु ने उस पिंजरे को गांव के अंदर एक तिराहे के पास रखवा दिया। लेकिन वाह आदमखोर शेर तो इतना चालाक निकला कि वह शेर उस पिंजरे के अंदर गया ही नहीं बल्कि गांव के एक और पलट पशु को शिकार बना लिया।

रामु ने अब दूसरी आसान तरकीब अपनाने कि सोची।

दूसरा तरकीब

रामु ने एक बड़ा सा जाल बनवाया और उसके अंदर कुछ पालतू पशुओं को रख दिया ताकि जब भी शेर आये और इन पधुओं पर शिकार करने के लिए हमला करे तो जाल में फंस जाये। रामु ने उस जाल को गांव में एक रस्ते पर रख दिया जहाँ से शेर रोज गांव में आया करता था। लेकिन उसका वह  तरकीब भी कोई काम नहीं आया और शेर चालाकी से इतनी तेजी से आया कि जाल को बंद करने का कुछ समय ही नहीं मिला और उस आदमखोर शेर ने फिर एक पालतू पशु को अपना शिकार बना कर ले गया। 

अब रामु के पास आखिरी और सबसे मुश्किल तरकीब थी। वह सोचने लगा अब की बार अगर मेरा तरकीब काम ना आया तो पूरे गांव में उसकी हंसी हो जाएगी।

रामु अपने कार्य के प्रति बहुत समर्पित था। और वो कहते है न की जो सच्चे मन से अपने कार्य के प्रति समर्पित होकर कार्य करता है उसका साथ भगवान् भी देते हैं और उसका कार्य जरूर सफल होता है।

तीसरा तरकीब

रामु ने गांव के प्रवेश द्वार के थोड़े अंदर एक बड़ा सा गड्डा खोदा और उसने उस गड्डे को इतना गहरा कर रखा कि अगर शेर उसमे गिर जाये तो लाख कोशिशों के बाद भी उसमे से निकल ना पाए।

रामु भागने में बहुत तेज था जैसा कि शुरुआत में बताया गया था रामु चीते की तरह तेज दौड़ता था

उसने हिरण के जैसे खाल बनाया और उसे ओढ़ कर उस शेर का इंतजार करने लगा कि कब वह शेर आये और उसे अपना शिकार बनाने की कोशिश करे।

रामु के कुछ देर इंतजार करने के बाद वह शेर गांव में आता है और देखता है और सोचता है कि इतना बड़ा हिरण, आज तो शिकार करने का मजा ही आ जायेगा।

रामु जो हिरण की खाल ओढ़ कर शेर का इंतजार कर रहा था उसके इंतजार का समय अब ख़त्म होने वाला था। रात में सब तरफ सन्नाटा छाया हुआ था और दोनों एक दूसरे को शिकार बनाने के लिए आतुर थे।

पूरे गांव वालों के लिए यह दृश्य बहुत अहम् हो गया था कि कौन बजी जीतेगा और कौन किसका शिकार बन जायेगा।

रामु की यह सबसे मुश्किल और आखिरी तरकीब थी। इसमें उसकी जान का खतरा तो था लेकिन यदि उसकी तरकीब काम नहीं आयी तो उसपर से गांव वालो का भरोसा उठ जायेगा और उस गांव छोड़ कर हमेशा के लिए जाना पड़ेगा।

चुनौती का सामना

शेर ने जैसे ही हिरण के खाल ओढ़े रामु की ओर शिकार करने के लिए लापका रामु तेजी से उस बड़े से गड्डे की तरफ भागने लगा, शेर ने भी अपने शिकार को दूर जाता देख उसके पीछे तेजी से भागने लगा।

हिरण (रामु) और ज्यादा तेज भागने लगा और शेर भी उसका शिकार करने के लिए उसके पीछे तेजी से भागने लगा। जैसे ही उस बड़े गड्डे के पास हिरण पहुंचा तो उसी समय शेर ने भी उसे दबोचने के लिए छलांग लगाया और हिरण ने भी, हिरण के खाल के अंदर छिपे रामु को तो ये पता था तो उसने गड्डे के पपास ठीक उसी समय छलांग लगाया जिससे वह उस गड्डे को पास कर जाये लेकिन अचानक गड्डे को देख शेर को कुछ समझ नहीं आता और वह शेर असंतुलित होकर उस गड्डे में गिर जाता है और कई कोशिशों के बाद भी वहां से निकल नहीं पता।

शेर को गड्डे में गिरा देख गांव वाले बहुत खुश होकर अपने-अपने घरों से निकल कर रामु के पास आ जाते हैं और उसे इसके लिए धन्यवाद और बधाई देते हैं। और बधाई वाली यह बात भी थी क्यूंकि यह तरकीब बहुत मुश्किल था और जान जाने का खतरा सबसे ज्यादा था।

पूरे गांव वाले रामु के सहस, ईमानदारी, बहादुरी, गांव वालो में प्रति प्यार और अपने कार्य प्रति कर्तव्यनिष्ठा देख कर सभी रामु के और भी प्रशंसक हो गए।

रामु ने सभी का धन्यवाद दिया कि मुखिया जी और सभी गांव वालों ने उस पर भरोसा रखा। रामु ने ने कहा यह तो उसका कर्त्तव्य बनता है कि किसी भी मुसीबत या परेशानी में वह सबके काम आये और दूसरों की समस्या का समाधान करे।

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

दोस्तों इस हिंदी कहानी “जीवन में चुनौती का सामना” से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कितनी भी बड़ी मुश्किल क्यों न हो, अगर धैर्य और सूझबूझ के साथ और पूरे मन से कार्य किया जाये तो इंसान हर चुनौती, हर मुश्किल कर सामना कर सकता है।

दोस्तों यह कहानी हमें यह सीख देती है कि चुनौती आने पर उसका सामना करना चाहिए न कि उससे भागना।  जीवन में सफल वही व्यक्ति होता है जो हर चुनौती का सामना एक सुनियोजित योजना बना का कर करता है। और जब तब उस चुनौती से जीत नहीं जाता तब तक हार नहीं मानता और निरंतर कोशिश करते रहता है।

यहाँ कहने का मतलब यह है?

जहाँ चाह, वहां राह (where there is a will, there is a way), चुनौती को स्वीकार करो, उसका सामना करो और जीवन में आगे बढ़ो।

दोस्तों आपको यह Best Motivational Story In Hindi कैसी लगी? अगर आपको “A Motivational Story – How To Face Challenges in Life In Hindi” अच्छा लगा तो हमें कमेंट करके जरूर बताइये औरअच्छा लगे तो जरूर शेयर कीजिये। किसी भी सुझाव के लिए मेल कर सकते हैं।

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