Motivational Quote By Swami Vivekanand | स्वामी विवेकानंद के श्रेष्ठतम विचार

- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
- यह कभी मत कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं। आप कुछ भी कर सकते हैं।
- उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको।
- एक रास्ता खोजो। उस पर विचार करो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो। उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है।
इसे भी पढ़ें:- युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद जी के विचार
- आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है , तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं।
- यही आप खुद को कमजोर समझते है तो यह सबसे बड़ा पाप है।
- शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है8- अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे।
- अपने आप को विस्तार आपको अपने अंदर से करना होगा। तुम्हें कोई नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। कोई दूसरा शिक्षक नहीं है बल्कि आपकी अपनी आत्मा है।
- यदि हम ईश्वर को अपने हृदय में और प्रत्येक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते, तो हम खोजने कहां जा सकते हैं।
- जो किस्मत पर भरोसा करते हैं वो कायर हैं, जो अपनी किस्मत खुद बनाते हैं वो मज़बूत हैं
- जिस क्षण से मैंने प्रत्येक मानव शरीर के मंदिर में भगवान को बैठे हुए महसूस किया है, उस क्षण से मैं प्रत्येक मनुष्य के सामने श्रद्धा से खड़ा हूं और उसमें भगवान को देख रहा हूं – उस क्षण मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूं, वह सब कुछ जो गायब हो जाता है, और मैं मुक्त हूं।
- हम जैसा सोचते हैं बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी ही है, हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। सम्पूर्ण संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है तो चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।
- ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।
- अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है सीखते रहो।
- कुछ भी ऐसा जो आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनता हो, उसे ज़हर सामान मानकर नकार देना चाहियें।
- समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है।
- धन्य हैं वह लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं।
- जब कोई विचार विशेष रूप से हमारे मन पर कब्जा कर लेता है, तो यह वास्तविक, भौतिक या मानसिक स्थिति में बदल जाता है।
इसे भी पढ़ें:- मिसाइलमैन डॉ. ए.पी. जे. कलाम सर के सर्वश्रेष्ठ विचार
- पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता, यह तीनों सफलता के लिए परम आवश्यक हैं।
- महान कार्य के लिए महान त्याग करने पड़ते हैं।
- यह कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। यदि पाप है, तो यह एकमात्र पाप है, यह कहना कि आप कमजोर हैं, या अन्य कमजोर हैं।
- हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को अपने उच्चतम विचार को जीने के लिए संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करें, और साथ ही आदर्श को सत्य के जितना संभव हो सके बनाने के लिए प्रयास करें मैंने भगवान से शक्ति मांगी उसने मुझे मुश्किल हालात में डाल दिया।
- बार बार परमेश्वर का नाम लेने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता। जो व्यक्ति सत्यकर्म करता है वही धार्मिक है।
- जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है।
- सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नहीं छोड़ना चाहिए।
- जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
- बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए, कभी भी ऊंची छलांग मत लगाओ। धीरे धीर शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते रहो।
- संघर्ष करना जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- खुद को कमजोर मान लेता बहुत बड़ा पाप है।
- यही आप मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ। यदि आप मुझसे नफरत करते हो , तो मैं आपके मन में हूँ।
- यदि आपके लक्ष्य मार्ग पर कोई समस्या न आये तो आप यह सुनिश्चित करले कि आप गलत रास्ते में जा रहे हैं।
- दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे।
- मनुष्य की सेवा ही भगवान की सेवा है।
- जो व्यक्ति गरीबों और असहाय के लिए रोता है, वही महान आत्मा है, अन्यथा वो दुरात्मा है।
- चिंतन करो, चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो।
- संभव की सीमा को जानने का सबसे उत्तम तरीका है असंभव की सीमा से आगे निकल जाओ।
- हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है।