
- गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।
- एक स्त्री के लिए उसका चरित्र और पवित्रता ही सबसे बड़ा गहना है।
- बुराई को सहना भी उतना ही बुरा है जितना खुद बुराई करना।
- गुस्सा और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
- शक्ति शारारिक क्षमता से नहीं आती बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है।
- ख़ुशी तक मिलती है जब आप जो कहते हैं, और आप जो करते हैं उसमे सामंजस्य होता है।
- हमको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक महासागर के सामान है, यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरे महासागर को गंदा नहीं कहा जा सकता।
- प्रार्थना सुबह की कुंजी है और शाम की चटकनी।
- भगवान है, भले ही पूरी दुनिया इस बात को इनकार करती हो। सच हमेशा अटल रहता है, यद्यपि कोई जन समर्थन न भी हो।
- दुनिया के सभी धर्म, हर मामले में भिन्न हो सकते हैं, पर सभी एकजुट रूप से घोषणा करते हैं कि इस दुनिया में सत्य के अलावा कुछ भी नहीं रहता है।
- पैसा कोई बुराई नहीं है, उसका गलत प्रयोग करना बुराई है। किसी न किसी रूप में पैसे की हमेशा जरूरत रहेगी।
- आप असत्य को कितना भी बढ़ा चढ़ा कर बोलें, वो सत्य नहीं बन जाता। इसी तरह सत्य भी असत्य नहीं बनता।
- आध्यात्मिक संबंध शारीरिक की तुलना में कहीं अधिक कीमती है। आध्यात्मिक से तलाकशुदा शारीरिक संबंध आत्मा के बिना शरीर है।
- मैं हमेशा व्यक्ति के अच्छे गुणों को देखता हूँ। यदि मुझमे कोई दोष नहीं हैं इसका मतलब यह नहीं की मैं दूसरों के दोषों की जांच नहीं करूंगा।
- मैंने सेवा और त्याग की भावना के जीवित अवतार के रूप में स्त्री की पूजा की है।
- धर्म हृदय का विषय है। कोई भी शारीरिक असुविधा किसी के अपने धर्म को छोड़ने का अधिकार नहीं कर सकती।
- मैं दुनिया में घेरने वाली निराशा के बीच अपने प्रकाश को महसूस कर रहा हूं।
- मेरे पास दुनिया को सिखाने के लिए कुछ नया नहीं है। सत्य और अहिंसा पहाड़ियों की तरह पुराने हैं। मैंने जो कुछ भी किया है, वह दोनों में प्रयोगों का प्रयास करने के लिए है जितना कि मैं कर सकता हूं।
- मेरे लिए हर हर वो शासक विदेशी है जो जनता की राय की अवहेलना करता है।
- मैं पश्चिमी सभ्यता के बारे में क्या सोचता हूँ? मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा विचार होगा।
- अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर भी इतिहास के रुख को बदल सकता है।
- दुनिया के सबसे बड़े 7 सत्य : काम के बिना धन, अंतरात्मा के बिना सुख, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान, सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार, त्याग के बिना पूजा।
- थोडा सा कर्म बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
- जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई मतलब नहीं है।
- हर उस एक पापी को क्षमा किया जा सकता है, जो हृदय से पश्चाताप करे।
Ek number bhai
Thanku Shishir…Agar koi Suggestion Ho to jarur btana