ब्राम्हण और सर्प – पंचतंत्र की कहानी | An Ancient Ethics Story From Panchtantra
किसी नगर में देवदत्त नाम का एक ब्राम्हण निवास करता था। वह खेती-किसानी करके अपना जीवन गुजर-बसर करता था, चूँकि उसकी खेती अच्छी नहीं थी इसलिए उसका अधिकतर समय खली ही बीतता था। एक बार ग्रश्म ऋतु में अपने खेत के किनारे एक वृक्ष के नीचे सोये हुआ था। उसे आभास हुआ कि वृक्ष के …
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